सॉफ्टवेयर टेस्टिंग क्या है? सॉफ्टवेयर टेस्टिंग कितने प्रकार की होती है? सॉफ्टवेयर टेस्टिंग करने के लिए आवश्यक टूल्स कौन-कौन से हैं? – आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताने जा रहे हैं सॉफ्टवेयर टेस्टिंग क्या है? सॉफ्टवेयर टेस्टिंग कितने प्रकार की होती है? सॉफ्टवेयर टेस्टिंग करते समय कौन-कौन से टूल्स की आवश्यकता पड़ती है? साथियों अगर आप के साथ मीटिंग के बारे में जानना चाहते हैं और सॉफ्टवेयर टेस्टिंग से जुड़ी जानकारी पाना चाहते हैं यह आर्टिकल आखिरी तक पूरा पढ़ें।
दोस्तों अगर आपके पास कंप्यूटर या लैपटॉप मौजूद है तो मैं पूरे दावे के साथ कह सकता हूं आप अपने कंप्यूटर में ढेर सारे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते होंगे। हम सभी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए कंप्यूटर में ढेर सारे सॉफ्टवेयर दिए जाते हैं। जो सॉफ्टवेयर आपको कंप्यूटर या लैपटॉप में नहीं मिलते उन्हें आपको इंटरनेट से डाउनलोड कर सकते हैं। इंटरनेट में आज लाखो सॉफ्टवेयर मौजूद है। हर एक काम के लिए एक अलग सॉफ्टवेयर बनाया गया है।
उदाहरण के लिए मान लीजिए अगर आप अपने लैपटॉप में फोटो एडिटिंग करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको फोटो एडिटिंग से जुड़े सैकड़ों सॉफ्टवेयर मिल जाएंगे। इसी तरह वीडियो एडिटिंग करने के लिए भी आपको ढेर सारे वीडियो एडिटिंग सॉफ्टवेयर मिल जाएंगे। कंप्यूटर में गेम खेलने के लिए गाना सुनने के लिए वीडियो देखने के लिए कोई ऑपरेशन करने के लिए फंक्शन बनाने के लिए सोशल मीडिया इस्तेमाल करने के लिए हर काम के लिए अलग सॉफ्टवेयर मौजूद है।
सॉफ्टवेयर आज हम सभी के जीवन का एक अमूल्य अंग बन चुके हैं। लेकिन हम सभी को यह नहीं पता कि जिन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल हम प्रतिदिन कई घंटों तक करते हैं वह सॉफ्टवेयर को बनाने में कितनी मेहनत लगती है। एक सॉफ्टवेयर का निर्माण करने में कई महीनों की मेहनत लगती है इसके बाद फाइनल टेस्टिंग होती है और तब कहीं जाकर सॉफ्टवेयर इंटरनेट पर अपलोड किया जाता है।
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किसी भी सॉफ्टवेयर को इंटरनेट पर अपलोड करने से पहले उस सॉफ्टवेयर की एक टेस्टिंग होती है जिसे सॉफ्टवेयर टेस्टिंग कहते हैं। आज इस आर्टिकल में हम आपको उसी सॉफ्टवेयर टेस्टिंग के बारे में बताएंगे। जो भी छात्र सॉफ्टवेयर या एप्लीकेशन डिजाइनिंग का कोर्स करते हुए उन्हें अक्सर सॉफ्टवेयर टेस्टिंग शब्द सुनने को मिलता है लेकिन उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं होती जिस वजह से उनके मन में ढेर सारे प्रश्न पैदा होते हैं।
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सॉफ्टवेयर टेस्टिंग क्या है?
आइए दोस्तों अब हम आपका ज्यादा समय बर्बाद ना करते हुए आपको बताते हैं सॉफ्टवेयर टेस्टिंग क्या है? सॉफ्टवेयर टेस्टिंग शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है पहला सॉफ्टवेयर तथा दूसरा टेस्टिंग। इसका मतलब है कि किसी सॉफ्टवेयर को इंटरनेट पर अपलोड करने से पहले उसकी गुणवत्ता की जांच करना और उसमें आई कमियों को दूर करना सॉफ्टवेयर टेस्टिंग कहलाता है।
जब भी कोई कंपनी अपना सॉफ्टवेयर इंटरनेट में लॉन्च करती है तो उसका सिर्फ एक ही उद्देश्य होता है कि लोगों को सॉफ्टवेयर पसंद आए। लोगों को वह सॉफ्टवेयर तभी पसंद आएगा जब उस सॉफ्टवेयर में किसी भी तरह की कोई इधर नहीं होगी सॉफ्टवेयर काम करते समय बंद नहीं होगा लाइक नहीं करेगा और सॉफ्टवेयर में स्टोर किया जाने वाला डाटा सुरक्षित रहेगा। इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए सॉफ्टवेयर डेवलपर कंपनियां अपने सॉफ्टवेयर की फाइनल टेस्टिंग करती हैं।
इस फाइनल टेस्टिंग में कंपनी चेक करती है कि जो सॉफ्टवेयर हम लोगों को देने जा रहे हैं वह सॉफ्टवेयर लोगों की आवश्यकताओं को पूरा करेगा या नहीं करेगा? कहीं ऐसा ना हो सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करते समय अचानक सॉफ्टवेयर बंद हो जाए या हम इसमें जो डाटास्टोर कर रहे हैं वह डाटा ऑटोमेटिक डिलीट हो जाए। इस तरह की कोई भी समस्या ना हो इसके लिए सॉफ्टवेयर टेस्टिंग की जाती है।
सॉफ्टवेयर टेस्टिंग कितने प्रकार की होती है?
अभी तक हमने आपको बताया सॉफ्टवेयर टेस्टिंग क्या है? आइए अब हम आपको बताते हैं सॉफ्टवेयर टेस्टिंग कितने प्रकार की होती है? सॉफ्टवेयर टेस्टिंग करते समय अलग-अलग चरणों को पूरा किया जाता है।
साॉफ्टवेयर टेस्टिंग के मुख्य प्रकार के बारे में नीचे बताया गया है।
Black box testing
यह सॉफ्टवेयर टेस्टिंग का पहला चरण है। सॉफ्टवेयर टेस्टिंग के पहले चरण में उसे ब्लैक बॉक्स टेस्टिंग से होकर गुजरना पड़ता है। ब्लैक बॉक्स टेस्टिंग में किसी भी तरह का कोई सॉफ्टवेयर इस्तेमाल नहीं होता है। ब्लैक बॉक्स टेस्टिंग में यह चेक किया जाता है कि जो सॉफ्टवेयर हम इंटरनेट में अपलोड करने जा रहे हैं उसकी कार्यक्षमता कितनी है? ब्लैक बॉक्स टेस्टिंग से किसी भी सॉफ्टवेयर की कार्य क्षमता को परखा जाता है।
White box testing
व्हाइट बॉक्स टेस्टिंग किसी भी सॉफ्टवेयर टेस्टिंग का दूसरा भाग है। जब कोई सॉफ्टवेयर ब्लैक बॉक्स टेस्टिंग में सफल हो जाता है तब उसकी व्हाइट बॉक्स टेस्टिंग की जाती है। व्हाइट बॉक्स टेस्टिंग में किसी भी सॉफ्टवेयर की प्रोग्रामिंग तथा उसके लॉजिकल इनपुट का परीक्षण किया जाता है। इसमें यह देखा जाता है कि यूजर द्वारा रिस्पांस देने पर सॉफ्टवेयर सही तरह से आउटपुट देता है या नहीं देता है।
Grey box testing
सॉफ्टवेयर की व्हाइट बॉक्स टेस्टिंग तथा ब्लैक बॉक्स टेस्टिंग करने के बाद सॉफ्टवेयर की ग्रे बॉक्स टेस्टिंग की जाती है। ग्रे बॉक्स टेस्टिंग किसी भी सॉफ्टवेयर की ब्लैक बॉक्स टेस्टिंग तथा व्हाइट बॉक्स टेस्टिंग का मिला हुआ रूप होता है।
सॉफ्टवेयर टेस्टिंग करने के लिए आवश्यक टूल्स
जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया था सॉफ्टवेयर टेस्टिंग करने के लिए ढेर सारे टूल्स की आवश्यकता पड़ती है। सॉफ्टवेयर टेस्टिंग टूल्स के बारे में नीचे बताया गया है।
- Silktest
- Selenium
- Winrunner
- Loadrunner
- Watir
- Robotium
- Testcomplete
- Testing Anywhere
- HP Quicktest Professional
निष्कर्ष
तो साथियों यह आज आपके लिए एक छोटी सी जानकारी थी। आज इस आर्टिकल में हमने आपको सॉफ्टवेयर टेस्टिंग के बारे में जानकारी दी। हमने आपको बताया सॉफ्टवेयर टेस्टिंग क्या है? सॉफ्टवेयर टेस्टिंग कैसे की जाती है? सॉफ्टवेयर टेस्टिंग कितने प्रकार की होती है? सॉफ्टवेयर टेस्टिंग के लिए आवश्यक टूल्स कौन-कौन से हैं?